-मिलता रहेगा आवश्यकता का सामान
नई दिल्ली । वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुके कोरोना वायरस ‘कोविड-19' से बचाव और इसके रोकथाम के लिए देश के 7 करोड़ व्यापारियों ने अपना समर्थन दे दिया है। व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता कर्फ्यू के आह्वान को स्वीकार करते हुए व्यापार बंद करने का फैसला लिया है यानी की 22 मार्च को देश भर में कोई कारोबार नहीं होगा। व्यापारियों के 40 करोड़ के लगभग कर्मचारी भी उस दिन घर में रहेंगे।
व्यापारियों के प्रमुख संगठन अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने आज बताया कि विभिन्न बाजारों के व्यापारी संगठनों के नेताओं ने कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए 21 से 23 मार्च तक बाजार और दुकानें बंद रखने का फैसला किया है। हालांकि दवा दुकानें और डेयरी तथा आम उपभोग की वस्तुओं की दुकानें खुली रहेंगी। तीन दिन बाद स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही आगे की रणनीति के बारे में फैसला किया जायेगा।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भारतीय एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की प्रधानमंत्री की यह पहल कोरोना वायरस के खतरे को कम्युनिटी ट्रांसमिशन में न बदले जाने की एक राष्ट्रीय कवायद है जो बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि जहां व्यापारी जनता कर्फ्यू में शामिल होंगे, वहां कैट ने रिटेल व्यापार के अन्य वर्ग जैसे ट्रांसपोर्ट, लघु उद्योग, हॉकर्स, स्वयं उद्यमी, महिला उद्यमी आदि के संगठनों से भी बातचीत की है और ये सभी वर्ग भी इस मुहिम में शामिल होंगे।
खंडेलवाल ने बताया की फिलहाल देश की सप्लाई चेन में पर्याप्त मात्रा में सामान उपलब्ध है, लेकिन देश के अनेक हिस्सों में लोगों ने पैनिक ख़रीदारी शुरू कर दी है और अगर इसे नहीं रोका गया तो सप्लाई चेन में बहुत जल्द ही कमी आ जाएगी। जनता कर्फ्यू में इसमें महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के व्यापारिक संगठन भी शामिल होंगे। वहीँ नार्थ ईस्ट, जम्मू कश्मीर, अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप, पॉन्डिचेरी जैसे दूर सुदूर प्रदेशों के व्यापारी भी बेहद उत्साहपूर्वक इस अभियान में शामिल होंगे।
कोरोना संकट- पीएम के जनता कर्फ्यू को 7 करोड़ व्यापारियों का समर्थन, बंद रखेंगे दुकानें
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