धौलपुर, विश्व संस्थान संगठन द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण पर जारी हाई अलर्ट एवं पिछले कुछ समय से भारत में सामने आ रहे कोरोना वायरस के संदिग्ध मामलो को दृष्टिगत रखते हुए माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जेलों में बंद कैदियों एवं सम्प्रेषण गृह, विशेष गृह, सुरक्षित अभिरक्षा गृह इत्यादि में आवासित विधि से संघर्षरत बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं उपचार के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये गये है।
जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने राजकीय सम्प्रेषण गृह, विशेष गृह, सुरक्षित अभिरक्षा गृह इत्यादि में आवासित विधि से संघर्षरत बच्चों एवं प्रवेशित होने वाले नवीन बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं संक्रमण की अवस्था में इस पर नियंत्राण के लिए बाल देखरेख संस्थानों के अधीक्षक को निर्देश दिये है कि संस्थान में प्रवेशित होने वाले नवीन विधि से संघर्षरत बालक एवं बालिका को यथासंभव अन्य आवासित बच्चांे से कुछ समय के लिये अलग रखा जाये। कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों एवं इसके संभावित खतरों की जानकारी आवासित बालक एवं बालिकाओं को आवश्यक रूप से प्रदान करें। संस्था में आवासित विधि से संघर्षरत बच्चों के कक्षों एवं उनके वस्त्रों व बिस्तर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाये। आवासित बालक एवं बालिकाओं को भोजन से पूर्व व भोजन उपरान्त एवं शौच के समय तथा नियमित अंतराल पर साबुन व पानी से अच्छे से हाथ धोने के लिए प्रेरित करें। बच्चों को नियमित अंतराल पर पर्याप्त पानी पीने के लिये भी प्रेरित किया जाये। आवासित बालक एवं बालिकाओं को छीकतें और खासते समय अपना मुह व नाक टिशु या रूमाल से ढकें। इस प्रयोजन बच्चों को अपेक्षित टिशू या रूमाल उपलब्ध करायें जावें। संस्था में आवासित बालक एवं बालिकाओं एवं कार्यरत स्टॉफ में से किसी भी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण अगर दिखाई दे तो इस स्थिति में ऐसे बालक, बालिका एवं स्टॉफ को अन्य व्यक्तियों के सम्पर्क से बचाने के लिए एहतियात के तौर पर दूर या अलग रखा जाये। संस्थान परिसर को नियमित अंतराल पर कीटाणु शोधन के लिए विसंक्रमित किया जाये। संस्थान परिसर में यथासंभव जन सामान्य एवं अन्य व्यक्तियों की आवाजाही को सीमित किया जाये।
संस्थान में प्रवेशित होने वाले नवीन विधि से संघर्षरत बालक एवं बालिका को यथासंभव अन्य आवासित बच्चांे से कुछ समय के लिये अलग रखा जाये - डीएम
संस्थान में प्रवेशित होने वाले नवीन विधि से संघर्षरत बालक एवं बालिका को यथासंभव अन्य आवासित बच्चांे से कुछ समय के लिये अलग रखा जाये - डीएम